भारत मे आरक्षण में नया मोड़ आ गया है आज जिस तरीके से थावरचंद गेहलोद ने लोकसभा में पक्ष रखा है । देखेये सर्वोच्च न्यायालय के प्रमोशन में आरक्षण मामले पर फैसले में न कभी भारत सरकार को पक्षकार बनाया गया और न शपथ पत्र मांगा गया।
मामला 5 सितंबर 2012 को उत्तराखंड की कांग्रेस सरकार द्वारा लिए निर्णय पर आधारित है।
भारत सरकार इस पर उच्च स्तरीय विचार कर समुचित कदम उठाएगी:
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